नो पप्पी नो झप्पी / No kiss No hug
मुंह पर मास्क बांध के ही बाहर निकलना है.
मुंह पर मास्क / तौलिया बांधकर निकलने के कोरोना के आलावा भी बहुत से फायदे है, जैसे आप धूल- धुँआ-गन्दगी आदि से बचे रहते है, हमेशा जुगाली (गुटखा, पान आदि ) करने कि आदत में सुधार की काफी गुंजाईश है. राह चलते / गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करने में काफी कमी आयेगी. इसका एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि - लेनदार आपको पहचान नही पायेगा साथ ही आप जिससे बात नही करना चाहते उसे अवॉयड कर सकते है, बाद में कह सकते है कि यार मैंने पहचाना नही था.
आपकी कल्पना शक्ति बढ़ जाएगी क्योंकि
आपकी आंखे सब कुछ देख सकती है लेकिन राह चलते सुन्दरता का रसपान नही कर सकती है. इसके लिए आपको अपनी कल्पनाशक्ति का समुचित उपयोग करना पड़ेगा.
हमेशा सभी से कुछ दुरी बना के रखना है.
सबसे कुछ दूरी बनाने में कुछ फायदे तो जरुर है मसलन फालतू कि बकवास कम होगी, जब फालतू बातें कम होगी तो या तो काम कि बातें ज्यादा होगी या आपको अपने बारे में ज्यादा सोचने का मौका मिलेगा.
बस ये दूरी इतनी ज्यादा न होने पाए कि जिंदगी में अकेलापन और अवसाद हावी होने लगे वर्ना तो फिर बहुत कुछ बर्बाद हो जायेगा.
लगातार हाथ धुलते रहना है.
ये अच्छी बात है, साफ-सफाई तो वैसे भी स्वस्थ जीवन का एक आवश्यक अंग है.
बस जरा गौर से धुलियेगा वर्ना लगातार अल्कोहल से हाथ धुलने पर हाथ भी गाली देना शुरू कर सकता है.
किसी का कोई भी सामान नही यूज़ करना है.
यस आपका भी सामान सुरक्षित और दूसरों का भी. परिवार में भाई-बहनों के बीच और दोस्तों के बीच लड़ाई का ये मुद्दा हमेशा से चला आ रहा था, अब ये समाप्त हो सकता है.
किसी को भी टच नहीं करना है.
ये भी अच्छी ही बात है कि आप किसी को टच नही करेंगे और कोई दूसरा भी आपको टच नही करेगा.
लेकिन यहाँ एक ऐसा पेंच है जो........ पढ़ते रहिये....
किसी का हाथ पकड़कर टहलना नही है.
इसका मतलब????????????
अब...
सोचिये.... सोचिये....
तो वैसे आप किसका हाथ पकड़कर टहलते है?
तो क्या अब...
स्कूल में, गलियों में, मॉल में, मल्टीप्लेक्स में, पार्क में, सड़क किनारे, लाइब्रेरी में, क्या वो प्रेमिल पंछी नहीं दिखेंगे?
वो एक दूसरे को छू नही सकते....
हाथ नही मिला सकते....
पप्पी नहीं ले सकते....
गले नही मिल सकते....
एक दूसरे को जी भरके निहार नहीं सकते....
तो क्या अब...
दुनिया प्रेम के अहसास को भूल जाएगी?
छुवन के रोमांच से महरूम हो जाएगी?
सौगातो कि अदला-बदली बंद हो जाएगी?
गलियों में कुछ पल कि मुलाकातें अब नहीं हुआ करेंगी?
तो क्या अब...
पहले से ही प्रेम के रस से सूख रहा मानवीय जीवन उन चंद प्रेमिल लम्हों के दीदार से भी वंचित रह जायेगा?
सब कुछ केवल स्क्रीन पर ऑनलाइन ही रह जायेगा?
अब ख़ुशी कैसे बाटेंगे अपनों से क्योंकि गले मिलना खतरनाक है.
और दुःख में ..........अकेलपन में....... अवसाद में............
क्योंकि गले मिलने से खतरा बढ़ जाता है.
तो क्या अब... प्रेम का प्राकृतिक स्वरुप अब वेब सीरीज में ही मिलेगा? (किस्से-कहानियां बीते ज़माने कि बाते है.)
क्या ये यौवन के गान कि समाप्ति बेला है?
तो अब साहित्य में क्या लिखा जायेगा- केवल बीमारी- झूठ-फरेब-राजनीति...?
क्या अब प्रेमी युगल नही दिखेंगे?
क्या प्रेम कि सारी अनकही परिभाषाएं- तरीके बदल जायेंगे?
तो क्या अब प्रेमिल जोड़े मिलने पर क्या करेंगे से आगे सोचना शुरू कर देंगे या सोचना ही बंद कर देंगे?
तो क्या अब सहवास के कल्पना में विलीन होने का समय आ गया है?
क्योंकि जब हाथ नही मिलेंगे
जब एक दूसरे को ठीक से देख नही सकते
जब चुम्बन से कोरोना फैलेगा
जब गले लगना खतरनाक हो गया है
जब सबसे दूरी बनाके रखनी है
तब.....
आकर्षण कैसे होगा?
आकर्षण नही तो प्यार कैसे होगा?
प्यार नही तो सहवास कैसे होगा?
सहवास नही तो परिवार कैसे होगा?
परिवार नही तो समाज कैसे होगा?
समाज नही तो सामाजिक भावना कैसे होगी?
?
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?
बिना सामाजिक भावना के इन्सान कि उम्र कितनी होगी?
उसकी मौत बीमारी - एक्सीडेंट- चोट से ज्यादा होगी या आत्महत्या से?
क्योंकि ...
जब भावना ही नही तो कौन उसके लिए जियेगा और वो किसके लिए जियेगा?
कौन किसके लिए सपने सजाएगा ?
कोई कोई खुद को संघर्षों कि भट्टी में तपाएगा?
क्यों हासिल करना चाहेगा कुछ?
किसके लिए वो शाम होते ही घर लौटना चाहेगा?
क्या कहेगा रात को चाँद के बतियाते हुए?...या अब चाँद से बातें नही हो पायेगी क्योंकि वहां कॉलोनी बसाने कि तैयारी है?
हासिल करके भी अकेले छत पे बैठकर किसके साथ वो बंटेगा अपना मन?
***
कभी अकेले बैठकर जगजीत साहब की वो गज़ल सुनिए...
"तेरे आने कि जब खबर महके
तेरी खुशबू से सारा घर महके...."
फिर सोचिये कि क्या अब ये ख्याल कालातीत होने जा रहा है?
आखिर आपका दिल भी तो कभी न कभी धड़का होगा...
आपको भी तो कभी न कभी किसी से प्यार हुआ होगा...
आप भी तो कभी पप्पी कभी झप्पी कि चाहत किये होंगे...?
सोचिये कभी......
बिना प्रेम के आप भी तो नही रहेंगे........
***
कोरोना तुमको मै कुछ नही कहना चाहता सिवा इसके कि...
"तुमने प्रेम कि ताकत को बहुत कम करके आकां है. वो दिन दूर नही जब तुम्हे भी इसकी ताकत का अंदाज़ा हो जायेगा. क्योंकि इस कायनात से प्रेम को निकाल देने से कुछ बचता नही है इसलिए इसे ऐसे समझो कि प्रेम ने ही इस कायनात को रचा है. तुम सब कुछ कर सकते हो लेकिन प्रेम को नही ख़त्म कर सकते."
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